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Mahadev Chalisa (महादेव चालीसा) With Meaning (अर्थ )

Mahadev Chalisa offers a gateway to deep spiritual awakening and inner peace. Let’s delve into the essence of this powerful hymn and explore its significance.

Introduction

The Mahadev Chalisa is composed of verses that extol the virtues and deeds of Lord Shiva. Each verse, or “chaupai,” is a poetic expression of adoration and reverence. The Chalisa begins with an invocation to Lord Ganesha, the removal of obstacles, and then transitions into glorifying Lord Shiva (Mahadev), celebrating his many forms and attributes.

महादेव चालीसा उन महिमा और कृत्यों का गुणगान है जो भगवान शिव के विभिन्न रूपों और कार्यों का वर्णन करती है। हर चौपाई भगवान शिव की विभूतियों, उनकी भूमिका और उनकी करुणा का जीवंत चित्रण है। चालीसा का आरंभ भगवान गणेश की वंदना से होता है और फिर महादेव के गुणगान की ओर अग्रसर होता है।

Mahadev Chalisa (महादेव चालीसा)

दोहा:

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूर्ति रूप।
जैन मुख सदा वसहु, सदा हृदय सरूप॥

चौपाई:

जय गिरीश हरे गुन गंगा। जय उमा राम सदा सुहंगा॥
जय गंगाधर त्रिपुरारी। जय देव शंकर करिहु सुखकारी॥

नन्दि कुमान सनमुख वंदना। गद जो देहि अधीष भव भंजन॥
सप्त मुथा प्रभु ध्यान लगाये। सन्त करहि सकल तात भयो॥

हे गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चंद्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

अंग गौर शिर गंग बहाए। मुण्डमाल तन छार लगाए॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

मैना मातु की है दुहाई। तामस रूप तिहु लोक दिखाई॥
नंदी गन बैल सवारी। कर त्रिशूल सोहत छवि भारी॥

काटि काल सकल पर भारी। सदैव सर्व सुखकर कारी॥
प्रभु पाताल बसहि नभ माहीं। काल अमंगल नाथ कहाहीं॥

आपहि शिव नाम स्वरूपा। नन्दि सुत मंत्र जापलूपा॥
राम सख्ह पुर धाम बढाई। सदा कल्याण कृपा कराई॥

गई न परैव खरसुधि लहै जो। रघुवीर प्रभु हो जो गहै तो॥

शरण के भोले करुना सिन्धु। मान प्रद सुन्दर शुभ गंधु॥
सतयुग त्रेता द्धापर काली। नमन करे जो सदा सुख पाली॥

राक्षस मारि राम को लाये। रघुकुल हर्षित सब सुख पाये॥
लंक में विजय उमा हरि पाई। सब दुःखों से शान्ति हर्षाई॥

चारों वेद कहत शुभ कथा। स्वर्ण हरी साजि सुंदर पाता॥
भुक्ति मुक्ति पुरसार सविता। गिरिजा भरण प्रभु नीख विकार॥

अब प्रभु मेरो अरज सुनाई। कीजै पूर्ण आश सबाई॥
जय जय जय धुनि उठावे। हरिहर वन्दन सब सुख लावे॥

दोहा:

जय शिव शंकर स्वामी नमो नमः। जय गिरीश शंकर करू कृपा।
नन्दि गननाथ भोलानाथ। करहि हरिः नाम प्रतिपाल॥

 

Mahadev Chalisa Meaning (अर्थ )

दोहा:

गणेशजी को नमन करके हम भगवान महादेव की वंदना करते हैं, जो मंगलमूर्ति रूप हैं। हे गणेशजी, आप हमारे हृदय में सदा निवास करें।

चौपाई:

हे पर्वतराज के पुत्र और गंगा की महिमा के ज्ञाता महादेव, आपकी जय हो। आपके साथ सदा माता पार्वती और भगवान राम का सुहावना संबंध बना रहे। आप गंगाधर हैं और त्रिपुरारी भी। आपकी जय हो, जो सुख देने वाले हैं।

आपके भक्तों में आपके पुत्र गणनायक और कुमार भी हैं। आपका ध्यान लगाने वाले संत हर प्रकार के दुखों से मुक्त होते हैं।

हे गिरिजा के पति, आप दीनों पर दया करने वाले हैं और हमेशा संतों की रक्षा करते हैं। आपके माथे पर चंद्रमा शोभा पाता है और कानों में नाग के कुंडल लटकते हैं।

आपका गौर वर्ण, सिर पर बहती गंगा, मुंडमाल और राख से सने शरीर की शोभा अनूठी है। बाघ की खाल का वस्त्र धारण किए हुए, आपकी छवि को देखकर नाग मुनि भी मोहित हो जाते हैं।

माता मैना की दुहाई देकर, आपके तामस स्वरूप को तीनों लोकों में प्रदर्शित किया गया। आपकी सवारी नंदी और गणों की सेना भी अत्यंत मनोहारी है। त्रिशूल धारण किए हुए आपकी छवि अत्यंत भव्य है। आप काल को पराजित करने वाले हैं और हमेशा सर्वसुखकारी हैं। पाताल, नभ, और तीनों लोकों में आप ही काल के नाथ कहे जाते हैं।

आप स्वयं शिव नाम के स्वरूप हैं, आपके पुत्र नंदी मंत्र जाप करते हैं। राम के मित्र और धर्म के रक्षक, आप हमेशा कल्याणकारी हैं। सभी वेदों में आपकी शुभ कथा कही जाती है। स्वर्ण मुकुट और सुंदर वस्त्रों से सज्जित आप भुक्ति और मुक्ति के दाता हैं। गिरिजा के पति, आप सब विकारों से मुक्त हैं।

हे प्रभु, मेरी प्रार्थना सुनें और मेरी सभी इच्छाएं पूरी करें। आपकी जय-जयकार की ध्वनि गूंजती रहे, हरिहर के वंदन से सबको सुख प्राप्त हो।

महादेव चालीसा का महत्व (Significance of the Mahadev Chalisa)

  • आध्यात्मिक उन्नति: महादेव चालीसा का पाठ मन और आत्मा को शुद्ध करता है। इसके श्लोकों का सामंजस्यपूर्ण उच्चारण एक ध्यानपूर्ण वातावरण का निर्माण करता है जो आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करता है।
  • भक्तिभाव का संबंध: चालीसा भक्तों को भगवान शिव के साथ एक व्यक्तिगत संबंध स्थापित करने में मदद करती है। इसके श्लोकों के माध्यम से भक्त अपना प्रेम, सम्मान और भक्ति व्यक्त करते हैं, जिससे महादेव के प्रति उनकी आस्था और भी मजबूत होती है।
  • आंतरिक शांति और शक्ति: महादेव चालीसा का नियमित पाठ आंतरिक शांति और शक्ति प्रदान कर सकता है। इसके शक्तिशाली शब्द और उनमें निहित दिव्य ऊर्जा तनाव, चिंता और नकारात्मकता को दूर करने में सहायक होते हैं।
  • संस्कृतिक धरोहर: महादेव चालीसा हिन्दू संस्कृति और धार्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह भक्ति की समृद्ध परंपराओं और भगवान शिव के प्रति समय-समय पर प्रकट होने वाली श्रद्धा को दर्शाती है।

  • Spiritual Upliftment: Reciting the Mahadev Chalisa is believed to purify the mind and soul. The rhythmic chanting of its verses creates a meditative atmosphere that fosters spiritual growth.
  • Devotional Connection: The Chalisa helps devotees establish a personal connection with Lord Shiva. Through its verses, worshippers express their love, respect, and devotion, reinforcing their spiritual bond with Mahadev.
  • Inner Peace and Strength: Regular recitation of the Mahadev Chalisa can bring about a sense of inner peace and strength. The hymn’s powerful words and the divine energy they invoke can help alleviate stress, anxiety, and negativity.
  • Cultural Heritage: The Mahadev Chalisa is a significant part of Hindu cultural and religious heritage. It reflects the rich traditions of devotion and the timeless reverence for Lord Shiva (Mahadev).

Conclusion

भगवान शिव को समर्पित इस 40-श्लोकों की रचना में उन पर अटूट श्रद्धा और प्रेम व्यक्त किया गया है। महादेव चालीसा न केवल भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम है, बल्कि आंतरिक शांति और शक्ति का भी स्रोत है।

This 40-verse composition is a heartfelt tribute to the deity who embodies both the creator and the destroyer within the Hindu pantheon. For devotees and spiritual seekers alike, the Mahadev Chalisa offers a gateway to deep spiritual awakening and inner peace.

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